आज कांग्रेस ने अप्रत्याशित रूप से अन्ना पर लचीला रुख अपनाया हैं !
जन लोकपाल बिल उनके ही सांसद प्रवीण सिंह एरेन ने स्टैंडिंग कमेटी को दिया और कमेटी
अध्यक्ष अभिषेक मनु सिंघवी ने "चौकाने वाले नतीजे आ सकते है " कह कर कुछ न कह कर भी
बहुत कुछ की
ओर इशारा कर दिया है !
उधर अन्ना के पिछले अनशनो को ख़तम कराने में महत्त्वपूर्ण कड़ी रहे उमेश सारंगी भी फिर अपने
काम पर लग गए है ,
अब देखना ये है कि अन्ना के निष्कलंक और निर्दोष व्यक्तित्व से प्रभावित,
मीडिया के साथियों का अत्यंत भावुक एवं एकतरफा समर्थन से उत्पन्न ये जन भावनाओ का
अद्भुत उभार
और संसद और संविधान की मर्यादा का पालन और उल्लंघन के होने वाले भावी प्रभाव और
कुप्रभाव के प्रश्नों के बीच झूलते हुए ये आन्दोलन, क्या अपनी वास्तविक मंजिल पर पहुचेगा !
होकर पहले की तरह ही अपने हाथ खाली पाए.... !...
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