मंगलवार, 1 नवंबर 2011

आग की लपटों से घिरे लोग कैसे कूद पड़े बिल्डिंग से बाहर...

(साभार राष्ट्रभूमि )

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रांची।  सोमवार को दिन के 12 बजे यूनियन क्लब के पास स्थित राजस्थली अपार्टमेंट के बेसमेंट में व्यवसायी विनोद का कपडा़ रखा हुआ था। कपड़ों को बोरा और कार्टून में रखा गया था। अचानक शार्ट-सर्किट हुई और आग लग गई। देखते ही देखते बोरा और कार्टून में रखे कपड़े धू-धूकर जलने लगे। कुछ देर बाद अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को आग लगने की जानकारी मिली।
 कपड़ों में लगी आग धीरे धीरे फैलने लगी। जो बेसमेंट में खड़े एक वाहन को अपनी चपेट में ले लिया। फिर क्या था वाहन में तेजी से आग फैलने लगी। आखिरकार आग वाहन के पेट्रोल टैंक तक पहुंच गई और जोरदार धमाके के साथ फट गई। इससे पास ही खड़ी अन्य तीन वाहनों में आग लग गई। इसके बाद तेज आवाज सुन अपार्टमेंट के लोग नीचे आने लगे, तो बेसमेंट की हालत देख अवाक रह गए। पूरे बेसमेंट में फैली आग का विकराल रूप देख लोगों का दिल दहल उठा।
  रामकृष्ण ठाकुर ने बताया कि परेशानियों के बावजूद अग्निशमन दस्ते के पुलिसकर्मियों ने सराहनीय काम किया है। नगर आरक्षी अधीक्षक रंजीत कुमार प्रसाद ने कर्मियों द्वारा किए गए बचाव कार्य की सराहना की है। उन्होंने उन कर्मियों को सम्मानित करने का आश्वासन देते हुए नाम मांगे हैं। बचाव कार्य के बाद रामकृष्ण ठाकुर ने करीब 19 लोगों का नाम नगर एसपी को सौंपा है। संभवत: छठ पर्व के बाद उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
 भले ही अग्निशमन दस्ते के बचावकर्मियों को प्रशासन ने सम्मानित करने का निर्णय लिया है, लेकिन उन स्थानीय जांबाज युवाओं को कौन सम्मानित करेगा, जिसका वे सबसे पहले हकदार हैं। इन्होंने दमकलकर्मियों को मदद पहुंचाई। क्योंकि अग्निशमन दस्ते से पहले हिंदू और मुस्लिम युवाओं ने ही मोर्चा संभाला था। एक युवक समरुद्दीन खान का तो कांच के टूट कर गिरने से हाथ कट गया। इसके बावजूद वह निरंतर लोगों को बचाने में लगा हुआ था और उसका हाथ बंटा रहे थे दर्जनों युवा।
 जब अपार्टमेंट के लोगों ने देखा कि वे बेसमेंट होकर बाहर नहीं निकल सकते, तो इसके बाद लोगों ने अपार्टमेंट का शीशा तोडऩा शुरू किया। इसके बाद लोग खिड़कियों में साड़ी बांध कर नीचे उतरने लगे। छोटे-छोटे बच्चों और महिलाओं को नीचे उतारा जाने लगा। इसमें स्थानीय युवकों और अग्निशमन दस्ते के कर्मचारियों ने सराहनीय मदद की। स्थानीय युवकों ने दो मंजिल तक पहुंचने वाली सीढिय़ों को मंगवाया और दर्जनों लोगों को सही सलामत बाहर निकाला।
 दो माह की खुशी अपने पिता रोहित पोद्दार और मां के साथ चौथे तल्ले पर खिलौनों से खेल रही थी, लेकिन अचानक फ्लैट में धुंआ छाने लगा। माता-पिता परेशान हो उठे। वे उसे गोद में लेकर बालकनी में आ गए। बच्ची को बचाने के लिए पिता ने बड़ी सावधानी से नन्हीं सी जान खुशी को झोले में डाला और नीचे भेज दिया। खुशी की सलामती देख उसके परिजन खुशी से फूले नहीं समा रहे थे।

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