रविवार, 4 सितंबर 2011

बाबा रामदेव के लिए मुसीबत बना बांग्लादेशी परिवार..



हरिद्वार।। सरकार से पंगा ले चुके बाबा रामदेव के सामने फेमा के बाद एक और मुसीबत खड़ी 
हो गई है। हरिद्वार में अपने आश्रम में पुलिस को सूचित किए बिना विदेशी परिवार को रखने
पर उन्हें नोटिस मिला है।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय भी उनकी कंपनियों और ट्रस्टों को विदेशी मुद्रा विनिमय कानून
(फेमा) के उल्लंघन के मामले में नोटिस जारी कर जबाव तलब किया है। जवाब दाखिल करने
के लिए 14 सितंबर तक की मोहलत दी गई है। ताजा मामले में आरोप है कि पतंजलि योगपीठ
के योग ग्राम में बिना पुलिस को बताए अवैध तरीके से बांग्लादेशी परिवार को रखा गया। इनमें
दंपती और उनके पुत्र-पुत्री शामिल हैं। उत्तराखंड पुलिस ने समन जारी कर योगग्राम प्रबंधन से 3 
दिन के अंदर जवाब मांगा है।
     पुलिस के अनुसार, बांग्लादेश के बोंकेश भट्टाचार्य अपनी पत्नी संचिता, बेटे बिश्वकांति और 
बेटी के साथ 8 जुलाई को हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ पहुंचे थे। वे यहां मानसिक रूप से कमजोर 
अपने बेटे बिश्वकांति के इलाज के लिए आए थे। योगपीठ ने ही उनके रहने का प्रबंध किया था।
पत्‍‌नी और बीमार बेटे को योगग्राम में छोड़कर बोंकेश भट्टाचार्य अपनी बेटी के साथ वापस 
बांग्लादेश चले गए।
उधर, आस्था चैनल को चैनल चलाने वाली कंपनी वैदिक ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड, पतंजलि 
आयुर्वेद लिमिटेड और दिव्य योग ट्रस्ट को ईडी ने नोटिस जारी किया है। प्रवर्तन निदेशालय
का कहना है इन कंपनियों के खिलाफ फेमा के उल्लंघन के शुरुआती सबूत मिलने के बाद
नोटिस जारी किया गया है।
  आरबीआई ने ईडी को बताया है कि बाबा रामदेव से जुड़ी इन कंपनियों ने आयुर्वेदिक दवाओं
के निर्यात से विदेशी मुद्रा में हुई 1.8 करोड़ रुपये की आमदनी की जानकारी नहीं मिली है। 
यह फेमा का सीधा उल्लंघन है। दिव्य योग ट्रस्ट और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को इसी 
सिलसिले में नोटिस भेजा गया है।
आस्था के बारे में आरोप है कि विदेशों में चैनल को विदेशी मुद्रा में आमदनी होती है, लेकिन 
इस आमदनी के बारे में वैदिक ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड ने आरबीआई को पूरी जानकारी नहीं 
दी है। कंपनी को अब ईडी के सामने इसका हिसाब देना होगा।

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