गुरुवार, 22 सितंबर 2011

पितृपक्ष में ऐतिहासिक तर्पण ..

केंद्र सरकार ने देश में गरीबी के मायेने ही बदल दिए है , हमारे बेहद काबिल प्रधानमंत्री और उतने ही काबिल योजना आयोग के उपाध्यक्ष की नज़र से देखे तो हमारे लिए देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन , क्युकी मुझे नहीं लगता की अब देश में इनके अनुसार कोई गरीब बचा भी होगा . जिसको अब मुर्ख लोग गरीब समझते थे उनसे पूछा तो वो भी अकेले "माधुरी" में शाम को ४८ रूपए खर्च कर देते है ! तो अब तो खुशिया मनाने, सरकार की जय जयकार करने का मौका है . विश्व कप जीतने में हम रात रात भर जागकर पटाखे जलाकर हुल्लड करके खुशिया मनाते तो है न क्युकी हमको राष्ट्र की चिंता है , दुनिया में अपना जलवा बढ़ने की खुशी होती है ! तो ये भी एक बडा अवसर है ,हम सभी भारत वासियो को इसका भरपूर जश्न मनाना चाहिए ! आखिर करीब करीब सभी भारत वासी गरीबी रेखा से ऊपर उठ गए है , और हमारे काबिल नेताओ की कृपा से और भी ऊपर उठ जायेंगे , ऊपर जाकर हम सभी लोग ऊपर रह रहे इनके पुरखो से मिलेंगे (जिनका पुराना स्वप्न था गरीबी हटाओ - देश बचाओ ), और उनको बताएँगे कि उनकी प्यारी बहु के चहेतों ने पितर पक्ष में उनको ऐतिहासिक सीधा दिया है , अब उनके तरने का समय आ गया , गरीबी खतम गरीब खतम , आने वाले चुनाव में अगर हमने इनको सारे के सारे चुनाव न जिताए तो हम भारतीय वास्तव में एहसान फरामोश कहलाएंगे !









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