कंवर की अर्जी पहले विदेश मंत्रालय को भेजी गई। मंत्रालय ने आरटीआई कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत उसे
संसदीय कार्य मंत्रालय और सांख्यिकी व कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय को भेज दिया। विदेश मंत्रालय ने आवेदन स्थानांतरित करते हुए कहा कि सोनिया गांधी ने संसद सदस्य के तौर पर जो यात्राएं कीं, उनकी जानकारी संसदीय कार्य मंत्रालय दे सकता है। राष्ट्रीय सलाहकार समिति की अध्यक्ष के तौर पर उनकी विदेश यात्राओं की जानकारी सांख्यिकी व कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय से मिल सकती हैं।
लिहाजा, याचिका इन दोनों मंत्रालयों को भेजी जा रही है। सांख्यिकी मंत्रालय ने यह आवेदन राष्ट्रीय सलाहकार समिति (एनएसी) को भेज दिया। मंत्रालय ने कहा कि समिति के किसी सदस्य या फिर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की किसी भी यात्रा से उसका कोई लेना-देना नहीं है। एनएसी ने भी हाथ खड़े कर दिए। उसने कहा कि उसे इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। यहां से आवेदन प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दिया गया। इस टिप्पणी के साथ कि समिति के कामकाज में होने वाले सभी खर्च की जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के पास होती है। पीएमओ ने 20 अक्टूबर को दिए जवाब में कहा कि उसके पास उपलब्ध रिकार्ड में ऐसी कोई जानकारी नहीं है। संसदीय कार्य मंत्रालय ने अलग से जवाब दिया। लेकिन पीएमओ की ही तरह कि उसके पास सोनिया के विदेश दौरों की कोई जानकारी नहीं है।
सरकार है बेकार और जनता है बेकरार.....
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