नई दिल्ली। 2 जी घोटाले में आरोपों का सामना कर रहे गृह मंत्री पी. चिदंबरम अब नए विवाद में फंस गए हैं। चिदंबरम पर अपने पद के दुरुपयोग का आरोप लगा है। समूचा विपक्ष गृह मंत्री चिदंबरम से इस्तीफे की मांग कर रहा है। राज्यसभा में इस मुद्दे पर भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित भी करनी पड़ी। एक अंग्रेजी अखबार ने रिपोर्ट छापी है कि गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने अपने क्लाइंट को फायदा पहुंचाने के लिए पद का दुरुपयोग किया है। गुरुवार को राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने चिदंबरम के मसले को जोर-शोर से उठाया। लोकसभा में यशवंत सिन्हा ने इस मुद्दे को उठाया। इसके बाद समूचे विपक्ष ने इस्तीफे की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा देख सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में बीजेपी नेता चंदन मित्रा ने इस मामले को गंभीर बताते हुए चर्चा कराने की मांग की। बीजेपी के नेता रविशंकर प्रसाद ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि पीएम और गृह मंत्री को इस पर सफाई देना चाहिए। दूसरी ओर, कांग्रेस नेता अश्विन कुमार ने कहा कि विपक्षी पार्टियां जान बूझकर सदन की कार्यवाही को रोकने की कोशिश कर रही हैं।
समाजवादी पार्टी के नेता मोहन सिंह ने भी कहा कि गृह मंत्री चिदंबरम रोज-रोज आरोप लग रहे हैं। उन्होंने कहा कि चिदंबरम को सदन में तुरंत इस मामले पर अपनी सफाई देनी चाहिए।
क्या है मामला- चिदंबरम 1999 से 2003 तक मेट्रोपॉलिटन होटल को चलाने वाली कंपनी सुनैर होटल्स और उसके मालिक एस.पी. गुप्ता के वकील रहे थे। इस कंपनी का वीएलएस फाइनैंस लिमिटेड के साथ मुकदमा चल रहा था। खबर के मुताबिक वीएलएस फाइनैंस ने ही मेट्रोपॉलिटन होटल के प्रॉजेक्ट को फाइनैंस किया था। वीएलएस फाइनैंस ने सिविल के अलावा दिल्ली के तीन थानों में सुनैर होटल्स के खिलाफ धोखाधड़ी के मुकदमे भी दर्ज कराए थे। डॉक्यूमेंट्स से यह पता चलता है कि मुंबई धमाकों के बाद गृहमंत्री बने चिंदबरम इस मामले में लगातार रुचि लेते रहे और दिल्ली पुलिस से जांच की अपडेट भी मांगते रहे। आश्चर्यजनक रूप से चिदंबरम के मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को एक चिट्ठी लिखकर सुनैर होटल्स के खिलाफ आपराधिक मुकदमों को वापस लेने के लिए कहा।
chidambaram ki grahdasha is samay thik nahin hai .unhe ab istifa de dena chahiye
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