आप इस भाषा को देखेंगे तो एकबारगी भौचक्क रह जायेंगे. आपको समझ में नहीं आयेगा कि यह किताब किस भाषा शैली में लिखी हुई है. पर आप ज्यों ही शीशे के सामने
पहुंचेंगे तो यह किताब खुद-ब-खुद बोलने लगेगी. सारे अक्षर सीधे नजर आयेंगे. इस मिरर इमेज किताब को दादरी में रहने वाले पीयूष ने लिखा है. इस तरह के अनोखे लेखन में माहिर पीयूष की यह कला एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज है. मिलनसार पीयूष मिरर इमेज की भाषा शैली में कई
किताबें लिख चुके हैं.
उनकी पहली किताब भागवद गीता थी. जिसके सभी अठारह अध्यायों को इन्होंने मिरर इमेज शैली में लिखा. इसके अलावा दुर्गा सप्त, सती छंद भी मिरर इमेज हिन्दी और अंग्रेजी में लिखा है. सुंदरकांड भी अवधी भाषा शैली में लिखा है. संस्कृत में भी आरती संग्रह लिखा है. मिरर इमेज शैली में हिन्दी-अंग्रेजी और संस्कृत सभी पर पीयूष की बराबर पकड़ है. 10 फरवरी 1967 में जन्में पीयूष बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं.
डिप्लोमा इंजीनियर पीयूष को गणित में भी महारत हासिल है. इन्होंने बीज गणित को बेस बनाकर एक किताब 'गणित एक अध्ययन' भी लिखी है. जिसमें उन्होंने पास्कल समीकरण पर एक नया समीकरण पेश किया है. पीयूष बतातें हैं कि पास्कल एक अनोखा तथा संपूर्ण त्रिभुज है. इसके अलावा एपी अधिकार एगंल और कई तरह के प्रमेय शामिल हैं. पीयूष कार्टूनिस्ट भी हैं. उन्हें कार्टून बनाने का भी बहुत शौक है.
गीता को उल्टा लिखने वाले को सम्मान नही सज़ा मिलनी चाहिए
जवाब देंहटाएंक्योंकि धार्मिक ग्रन्थ का अपमान किया उसका उल्टा ही कर डाला
उल्टा पल्टा करने वाले को सज़ा-ए-मौत मिलनी चाहिए