यमुना को साफ रखने के लिए बनाया गया इंटरसेप्टर प्रोजेक्ट गुरुवार को शुरू हो गया। उम्मीद की जा रही है कि अगले तीन साल बाद यमुना में दिल्ली के तीन बड़े नालों का गंदा पानी नहीं छोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने नजफगढ़, सप्लीमेंट्री ड्रेन और शाहदरा के नालों के लिये इंटरसेप्टर सीवर लाइन बिछाने की योजना को निहाल विहार में हरी झंडी दिखाई। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि अगले ढाई-तीन साल मंे जब यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा तो यमुना में गंदा पानी छोड़े जाने की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी क्योंकि नदी में गिरने वाले नालों के पानी को रोककर उसे ट्रीटमेंट प्लांट में साफ किया जाएगा।
शीला दीक्षित ने नांगलोई कहा कि योजना का फायदा आसपास के इलाकों को नहीं, बल्कि पूरी दिल्ली को मिलेगा।
यह योजना यमुना के पानी को साफ-सुथरा रखने में अहम भूमिका अदा करेगी। नजफगढ़, शाहदरा के नालों के अलावा सप्लीमेंट्री ड्रेन ऐसे तीन बड़े नाले हैं जहां से यमुना में सीवरेज का पानी छोड़ा जाता है। इंटरसेप्टर योजना वजीराबाद से ओखला के बीच 12 किलोमीटर के इलाके में यमुना को साफ रखने में मदद करेगी।
शिवराम पार्क और निहाल विहार में बिछेंगी सीवरेज लाइनें- स्थानीय विधायक डॉ. बिजेंदर सिंह के मुताबिक इलाके में करीब आठ किलोमीटर के क्षेत्र में सीवरेज की लाइनें बिछाई जाएंगी। नगर निगम के चुनाव होने से पहले शिवराम पार्क और निहाल विहार में सीवरेज की लाइनें बिछाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही नीलोठी में लड़कियों का एक स्कूल भी खुलेगा।
दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ रमेश नेगी के मुताबिक, यह परियोजना करीब दो हजार करोड़ रुपए की है। यह नालों के गंदे पानी को यमुना में मिलने से रोकने की कवायद है। इसमें केंद्र सरकार ने 450 करोड़ रुपये की मदद दी है। इसे तीन साल के अंदर पूृरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें