बुधवार, 25 जनवरी 2012

बाग़ी भाजपाइयो द्वारा नेतृत्व को चुनौती..

सलिल विश्नोई 
सलिल के खिलाफ लड़ायेंगे प्रत्याशी 

कानपुर !  सुलह समझौते की सभी कोशिशो को दर किनार करते असंतुष्ट भाजपाई अब सीधे नेतृत्व को चुनौती देते दिखाई पड़ रहे है ! पार्टी में अनुशासन की कुंद पड़ चुकी धार का फल है कि अब ये असंतुष्ट किसी की भी सुनने को तैयार नहीं है ! कानपुर की आर्यनगर विधानसभा में पार्टी द्वारा घोषित प्रत्याशी और पिछले दो बार से विधायक सलिल विश्नोई भी इन्ही अंतर्विरोधो से जूझ रहे है ! क्षेत्र में सक्रिय असंतुष्ट खेमा उनको किसी भी तरह हराने का दम भरता फिर रहा है, इस खेमे को संघ से आये और विधान परिषद चुनाव में मुह की खाए एक बड़े नेता का खुलकर समर्थन प्राप्त है ! विधायक सलिल के सजातीय इन नेता के साथ स्थानीय संघ के नेता, पूर्व मंडल अध्यक्ष, कुछ वर्तमान और पूर्व सभासद शामिल बताये जाते है ! पार्टी टिकट की घोषणा से पहले ही ये सभी ताल ठोंक कर मैदान में आ गए थे और अंतिम दम तक प्रत्याशी बदलने की मांग करते रहे लेकिन इनकी एक ना सुनकर सेटिंग गेटिंग के फार्मूले के आधार पर पार्टी ने सलिल को पुनः लड़ाने का फैसला लिया ! 
दरअसल पूरी लड़ाई क्षेत्रीय बनाम बाहरी के नाम पर पिछले दो बार के चुनाव से हो रही है ! सबसे ज्यादा  ब्राह्मण मतदाताओ के बाद  इस विधानसभा क्षेत्र में वैश्य और उसमे भी ओमर -दोसर वैश्य मतदाताओ की संख्या ने हमेशा यहाँ के क्षेत्रीय वैश्य नेताओ के लिए संभावनाए दिखाई ! तीन बार से विधायक रहे नीरज चतुर्वेदी का टिकट कटवाने के कामयाब हुए इन नेताओ की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए जब पार्टी ने सलिल को २००२ का चुनाव लड़वाने का फैसला लिया तो वही से इस विरोध का सूत्रपात हुआ ! अपनी गैर विवादित छवि और समर्पित कार्यकर्ताओं की वज़ह से सलिल जीतने में कामयाब रहे ! क्षेत्र में व्यापक संपर्क और सहज उपलब्धता के कारण सलिल ने अगला चुनाव भी जीता और असंतुष्टो के सीने पर सांप लोटते रहे ! 
अबकी बार कही भी बात ना बनते देख अब ये असंतुष्ट खेमा आर-पार की लड़ाई लड़ने को निकल पड़ा है ! इसी रणनीति के तहत आज देर शाम नयागंज के वैश्य होटल में हुयी इस खेमे की बैठक में सलिल के खिलाफ प्रत्याशी लड़ाने का फैसला लिया गया !  नामो पर चर्चा हुयी और पूर्व सभासद गोपीकृष्ण ओमर का बाग़ी भाजपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन करने का फैसला लिया गया !
अंदरुनी सूत्रों के अनुसार इतना विरोध करने के बाद भी कही से कोई तवज्जो न मिलते देख परेशान हुए इन नेताओ ने इस कदम के द्वारा पार्टी हाईकमान को कड़ा सन्देश देने की कोशिश करी है अब देखना ये है कि पार्टी हाईकमान इनको मनाने आता है या कठोर अनुशासनत्मक कार्यवाही कर नजीर प्रस्तुत करता है ! 

1 टिप्पणी:

  1. netratv kisi ko nhi manata parti main rahna hai to virodh karke nhi apni kary chhamta se netrtv ka dil jeetiye ye prtiyogita hai jo mehnat karega bp aage barhega .tikit milna na milna koyi badi bat nhi hai .rajneet main koyi MLA hi sab kuchh hota hai or bhi bahut sare chunav hain bo lade ja sakte hain bina lade bhi rajy sabha vidhan parisad ,aadi bahut sari jagah hain .jo log dhairy kho kar bagi bante hain bokabhi bhi kamyab nhi hote udaharan swroop manniy poorv mukhy mantri kalyan singh aadi sab khatam ho gye bjp bjp hai hai or sada rahegi jo bagi hain bo nhi rahenge kisi bhi dal main jayen sab pichhlaggoo ban jate hain .jiske pas kamal hai janta to usi ko sprt karegi .

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