भैया मै तो सिर्फ इतना जानता हूँ कि ये निर्माता इतने ही पाक साफ़ होते तो इनके यहाँ ११५ करोड़ की कर चोरी न
पकड़ी जाती ये सब गुटखे के नाम पर समाज को धीमा जहर परोस रहे थे ! गुटखा बना कर और तम्बाकू बेच कर महज़
कुछ ही सालो में
फर्श से अर्श तक का सफ़र तय करने वाले लोगो को ये भी सोच लेना चाहिए की सिर्फ कुछ लोगो के रोजगार के नाम पर
उनको पूरे समाज को बीमार करने का कोई
हक नहीं है जो लोग गुटखा खाने की वजह से कैंसर जैसी बीमारी से मौत के मुंह में समाये है उनकी मौत का हिसाब भी
उनको एक दिन चुकाना ही पड़ेगा ! अब ये रोजगार का वास्ता दे रहे है , जितना रोजगार लाटरी व्यवसाय में था उतना
इसमें नहीं लेकिन आखिर वो बंद की गयी और न जाने कितने घर उजड़ने से बच गए ! और ये सीधे सीधे लोगो को मूर्ख
बना रहे है या तो खुद डर रहे है तभी तो बस ये लिख रहे है कि "सरकार के खिलाफ " अरे कौन सी सरकार के खिलाफ हो
? केंद्र या प्रदेश ? डरपोको खुल कर तो बोलो ..
मेरी अपनी राय में माननीय उच्च्तम न्यायालय को इस प्रकरण को स्वतः संज्ञान में लेकर इन लोगो के खिलाफ सख्त
कार्यवाही करनी चाहिए और जो भी राजनेता इस सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ हुए प्रदर्शन में शामिल हुए
या सहयोगी रहे उनपर तो कठोरतम कार्यवाही हो,, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का इस तरह से घुमा फिर कर अपमान
करने वालो पर "राष्ट्रद्रोह " का मुकदमा, जनता को बरगालने कि साजिश का मुकदमा और भी अन्य गंभीर धाराओ में
मुकदमा चलना चाहिए !
आखिर कसाब और इनमे फर्क ही क्या है ??
वो भी हमारे इस महान राष्ट्र की न्याय प्रणाली में विश्वास नहीं करता और ये
भी नहीं कर रहे.....
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