गुरुवार, 10 मार्च 2011

दुनियां में दमका गुलाबी गैंग


उत्तर प्रदेश में महिला अधिकारों की लड़ाई लड़ रही गुलाबी गैंग की धमक अब विश्व में गूंज उठी है, प्रदेश के बांदा जिले की निवासी एवं गुलाबी गैंग की संथापक संपत पाल ने अबकी दुनियां में प्रदेश की महिलाओ का नाम गर्व से ऊँचा कर दिया है ! संपत को विख्यात अखबार "गार्जियन" ने विश्व की शीर्ष १०० प्रेरक महिलाओ में जगह दी है ! संपत समेत भारत से इस सूची में सिर्फ ५ महिलाओ को स्थान मिला है और गर्व की बात ये है कि संपत ने यहाँ प्रसिद्ध लेखिका अरुंधती रॉय, मानवाधिकार कार्यकर्ता जयश्री सतपुते, पेप्सिको प्रमुख इन्द्रा नूयी, और फिल्म निर्माता मीरा नायर के साथ जगह बनाई है ! 
संपत महिला अधिकारों की लड़ाई अपने अलग अंदाज में लड़ने के लिए जानी जाती है , वो बताती है कि एक दिन उसने एक पुरुष को अपनी पत्नी कि बुरी तरह पिटाई करते देख उसने उसको रोकने कि कोशिश करी पर वो नहीं माना तो वो वापस आ गयी और अगले दिन महिलाओ के एक समूह को साथ लेकर उस पुरुष कि उसी तरह पिटाई कर दी जैसे कि उसने अपनी पत्नी की की थी ! यही से गुलाबी गैंग की नीव पडी ! पहले  ११ महिलाओ को साथ लेकर सन २००३ में संपत ने महिला उत्थान ग्राम उद्योग सेवा संस्थान को पंजीकृत कराया , फिर २००६ में इस  संस्था ने अपने ड्रेस कोड के रूप में गुलाबी साड़ी को चुना और यही से ये गुलाबी गैंग के रूप में प्रसिद्ध हो कर संगठित महिला शक्ति की एक मिसाल बन गया ! 
संपत महिलाओ के उत्पीडन के लिए महिलाओ को खुद जिम्मेदार मानती है, वो कहती है कि अगर वो अपने खिलाफ अन्याय को रोकना चाहती है तो महिलाओ को स्वयं आत्मनिर्भर एवं शिक्षित होना पड़ेगा ! महिलाये दहेज़ एवं बाल विवाह का स्वयं आगे आकर विरोध करे ! 
संपत के खिलाफ भले ही अपराधिक मामले भी दर्ज हो रहे हो लेकिन इसके गैंग कि बढती सदस्य संख्या जो कि अब २०,००० के पार हो चुकी है इस गैंग की लोकप्रियता बताने को काफी है  !

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