शुक्रवार, 11 मार्च 2011

सपा बनाम बसपा " तू डाल डाल - मैं पात पात "


सपा बनाम बसपा " तू डाल डाल - मैं पात पात "

( उत्तर प्रदेश पुलिस का गुंडाराज )
( अमानवीय तरीके से सपा कार्यकर्त्ताओं को पिटा )
 प्रवीण शुक्ल  
             उत्तर प्रदेश | समाजवादी  पार्टी  का  तीन  दिवसीय  " बसपा  हटाओ - प्रदेश  बचाओ "  आन्दोलन  प्रशासन  की  जबरदस्त  सख्ती  के  बावजूद  अपना  असर  छोड़ने  में  कामयाब  रहा |  समाजवादी  पार्टी  ने  अपने  आन्दोलन  को  पूरी  तरह  से  सफल  बताया  वही  दूसरी  ओर माया  सरकार ने  इसको  फ्लाप  शो  करार  दिया  है |
            आन्दोलन  के  तीनो  दिन  पूरे  प्रदेश  में  सपा  कार्यकर्ताओ  और  पुलिस  प्रशासन   के  बीच  लुका  छिपी  का  खेल  चलता  रहा  और  जब  सपा  कार्यकर्ताओ  को  मौका  मिला  उन्होंने  पुलिस  को  जमकर  छकाया  और  जहाँ  पुलिस  को  अवसर  मिला  तो  वो  सपा  कार्यकर्ताओ  पर  कहर  बनकर  टूट  पड़ी |
              दरअसल  समाजवादी  पार्टी  ने  इस  आन्दोलन  को  आगामी  विधानसभा  चुनाव  के  लिए  तैयारी  के  रूप  में  लिया  और  " जिसकी  ज्यादा  भागीदारी, उसकी  पक्की  उम्मीदवारी " के  आधार  पर  नेताओ  को  संकेत  दिए  गए  थे, जिसका  परिणाम  सामने  भी  आया  जब  एक  तरफ  सभी  बड़े  नेता छुट  पुट  विरोध  के  बाद  सीधे  गिरफ़्तारी  दे  रहे  थे  वही  नए  और  चुनाव  लड़ने  के  इच्छुक  नेताओ  ने  जमकर  हंगामा  किया  और  पुलिस  से  मोर्चा  लिया , सरकार  विरोधी  नारे  लगाये  और  मुख्यमंत्री  मायावती  का  पुतला  फूंका |
               दूसरी  ओर  पुलिस  को  जहाँ  भी  जरा  भी  मौका  मिला  उसने  सपाइयो  को  बिलकुल  नहीं  बख्शा  लाठियां  चलाई  और  जमकर  पीटा, लखनऊ  में  इसकी  अगुवाई  स्वयं   डी.आई.जी.  डी.के. ठाकुर  ने  की, उन्होंने  सपा  लोहिया  वाहिनी  के  प्रदेश  अध्यक्ष को  गिरा  कर  मारा और  पैरो  से  कुचल  कर  पीटा |
अब  आन्दोलन  की  समाप्ति  के  बाद  आरोप  प्रत्यारोप  का  दौर  शुरू  हो  गया  है
सपा  नेता  शिवपाल  सिंह  यादव  ने  पुलिस  की  इस  बर्बरता  को  आन्दोलन  की  सफलता  से  घबराई  माया  सरकार  की  बौखलाहट  बताया  और  कहा  कि  मुख्यमंत्री   मायावती  के  इशारे  पर  पुलिस  ने  अपनी  हद  पार  कर  दी, सपा  इन  सभी  दोषी  पुलिस  वालो  की  सूची  बना  रही  है  और  सत्ता  में आते  ही  इन  सभी  पर  कठोर  कार्यवाही  की  जाएगी |
             वही  मुख्यमंत्री  मायावती  ने  इन  सबसे  दो  कदम  आगे  निकलते  हुए  और  पुलिस  को  क्लीनचिट  देते  हुए  पुलिसिया  कार्यवाही  को  बिलकुल  जायज  करार  दिया  और  स्पष्ट  शब्दों  में  सपा  प्रमुख  मुलायम   सिंह  यादव  का  नाम  लेकर  चेताया  कि  वो  अच्छे  से  जान  ले  कि  अगर  भविष्य  में  उनकी  पार्टी  ने  अराज़कता  फ़ैलाने  कि  कोशिश  की  तो  उनसे  और  भी  ज्यादा  सख्ती  से  निपटा  जायेगा | पुलिस  ने  जो  भी  किया  वो  कानून  व्यवस्था  बनाये  रखने  के  लिए  आवश्यक  था |
          अब  देखना  ये  है  कि  सपा  के  तथाकथित  गुंडा  राज  से  उबकर  बसपा  को  सत्ता  सोंपने  वाली  जनता  इस  पुलिसिया गुंडाराज  को  कितना  स्वीकार  कर  पाती  है | लोकतंत्र  में  आखिर  अंतिम  फैसला  तो  जनता का  ही  है ! 

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