सोमवार, 31 अगस्त 2015

➡कानपुर नगर निगम ने शुरू किया अपनी सम्पतियों की सुध लेना ।





जोन 4 की पहल पर नगर आयुक्त ने सभी जोन अधिकारियो को अपने अपने क्षेत्रो में निगम की सम्पत्तियों की सूची तैयार करने के लिए निर्देश जारी किये ।

➡ज्ञात हो कि जोन 4 के उप नगर अधिकारी राजीव शुक्ल ने अपने जोन में निगम की संपत्तियों की पूर्ण जानकारी को  व्यवस्थित ढंग से रखने को एक मुहीम शुरू की जिससे संपत्तियों की देखभाल सुचारू रूप से हो सके । राजीव शुक्ल बताते है कि उनके जोन के सभी अधिकारियों ने बड़ी मेहनत से जुट कर सारी सम्पत्तियों की विस्तृत जानकारी , उनका नक्शा और परिसीमन आदि एकत्र किया । जिसके बाद उसको एक बुकलेट का रूप दिया गया ।

कारपोरेट तर्ज पर बनी इस बुकलेट से नगर निगम की जोन4 की सभी संपत्तियों की जानकारी अत्यंत सुलभ हो गयी ।।
➡ उप नगर अधिकारी श्री शुक्ल ने बताया कि इस जोन द्वारा तैयार इस बुकलेट को संज्ञान में लेकर नगर आयुक्त देवेन्द्र कुशवाहा ने सभी जोन अधिकारियों को अपने अपने जोन में इसी तरह निगम की सम्पत्तियों का पूर्ण विवरण तैयार करने को आदेशित किया है जिससे उनका रखरखाव सुचारू तरीके से हो सके ।

शुक्रवार, 16 नवंबर 2012

शंकरपुर ‘सिंगूर’ की राह में…


गंगा बैराज पार सुलगती चिंगारी – ३


प्रवीण शुक्ल
उन्नाव के शंकरपुर, मनभौना और कन्ह्वापुर गाँवों की लगभग ११५२ एकड़ कृषि योग्य भूमि का अधिगृहण विवाद में सुलग रही चिंगारी अब आग का रूप धारण कर रही है ! किसान आंदोलन जोर पकड़ रहा है , हाथों में तिरंगा लेकर विशाल पदयात्रा निकाली जा रही है ! सर पर कफ़न बाँध किसान अपनी जमीन वापस लेने को संकल्पित हो रहे है ! प्रशासनिक चुप्पी से हालात बनने की जगह बिगड सकते है ! महात्मा गांधी की जयंती पर किसानो ने अपने घरों के चूल्हे ना जलाकर सरकार को संभल जाने की चेतावनी दे दी है ! हाई-टेक सिटी परियोजना के लिए नाप जोख करने आने वाले अधिकारियों को खेतों से मार भगाने की अंदरूनी योजना से इस आंदोलन के सिंगूर और भट्टा परसौल जैसे सुलगने की आशंका जोर पकड़ रही है !    इस चिंगारी की आंच को शुरू से और सबसे पहले महसूस कर आपके अपने अखबार न्यूज़ इंडिया ने अपनी टैग लाइन “ सच की थाह – हर सप्ताह “ को सार्थक सिद्ध किया है ! हमारी पहल पर कोने में बसे उपेक्षा के शिकार शंकरपुर की सुध ली जाने लगी है !
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ३० सितम्बर को भारी संख्या में किसान शंकरपुर के रामलीला मैदान पर एकत्र हुए ! जनसभा की गयी जिसमे किसानो ने अपने दर्द व्यक्त किये, सरकारी ज्यादती को अपना नसीब समझ कर चुप बैठे किसान अब इस षड्यंत्र को समझे इसलिए पदयात्रा निकाल कर उनको जागृत करने का अभियान चलाये जाने का निश्चय हुआ ! शंकरपुर से प्रारंभ इस पदयात्रा को हजारो की संख्या में किसानो की भागीदारी ने रैली का स्वरुप दे दिया ! जन जागरण रैली में शामिल किसान हाथो में तिरंगा लेकर और नारेबाजी करते शंकरपुर , मनभौना , कन्ह्वापुर के साथ साथ  आस पास के सन्नी , पिपरी , लख्मीखेडा, मुरलीपुर आदि गाँवों में घूमें  जहाँ अन्य किसान परिवारों  ने जोरदारी से स्वागत कर आने वाले दिनों के संघर्ष के लिए अपने तैयार होने के प्रण को दोहराया ! किसानो ने अपनी जमीन वापस लेने के लिए हर तरह के संघर्ष के लिए तैयार होने की बात कही ! किसान विरोधी नीतियों का अनुपालन करने वाले अधिकारियों का उनके घर में घेराव करने की चेतावनी देते हुए किसान नेताओ ने उनको अभी भी चेत जाने की सलाह दी और प्रदेश सरकार से मामले में फ़ौरन हस्तक्षेप की उम्मीद जताई ! किसान नेताओ ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री तुरंत प्रभावी कदम नहीं उठाते तो ये स्पष्ट हो जाएगा कि उनकी कथनी और करनी में फर्क है क्युकी किसानो की मांग उनके चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार ही है ! वो तो सिर्फ मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ पार्टी को उनका चुनावी घोषणा पत्र ही याद दिला रहे है ! छल पूर्वक किसानो को बरगलाकर कपडे से भी सस्ते दाम में जमीन को अधिगृहीत कर लेने वाले अधिकारीयों को दण्डित किया जाए ! अंदर गुपचुप चर्चा में हाई टेक सिटी की नाप जोख के लिए आने वाले अफसरों का घेराव – बंधक जैसी सुगबुगाहट जन्म ले रही है !
फिलहाल बैराज पार के गाँवों में सुलगती चिंगारी आग का रूप लेते दिख रही है , सरकारी हस्तक्षेप का इन्तजार है ! आगे ये देखना है कि सारी गतिविधियों का केन्द्र बना उन्नाव का शंकरपुर गाँव सिंगूर बनेगा या पीपली बन रह जाएगा !



अजय अनमोल – यदि अधिगृहीत भूमि ३१ अक्टूबर तक नहीं लौटाई गयी तो उसी दिन से प्रदेशव्यापी आंदोलन की शुरुवात करेंगे जिसका नाम वादा निभाओ – किसान बचाओ आन्दोलन होगा !


उषा रानी - bl iwjs izdj.k esa “kkfey nks’kh vf/kdkfj;ksa ds f[kykQ l[r dkuwuh dk;Zokgh dj nf.Mr fd;k tk;]bl fdlkuksa dks mudh tehusa rRdky mUgsa okil dh tk;sa vf/kxzg.k vfr vko”;d gS rks ubZ Hkwfe vf/kxzg.k uhfr twu 2011 dks viukrs gq, lektoknh ljdkj vius pqukoh ok;ns (?kks’k.kk i=) ds vuqlkj tehu dk ewY; lfdZy jsV dk N% xquk Hkqxrku djs rHkh Hkwfe vf/kxzg.k gks A



राजेंद्र प्रसाद –  अधिगृहण कर यदि उसपर उसी समय विकास योजना शुरू कर दी जाती तो अब तक इस पूरे क्षेत्र का हुलिया बदल चुका होता , किसानो को रोजगार मिलता . लेकिन न कोई काम हुआ ना मुआवजा ही मिला !


दीपनारायण – हम विकास के विरोधी नहीं है लेकिन किसानो की लाश पर विकास मंजूर नहीं ! जमीन अधिगृहण कर उसका मुआवजा १० साल बाद देना किसानो के  साथ भद्दा मजाक है ! सरकार को तुरंत दखल देना चाहिए !

शनिवार, 29 सितंबर 2012

गंगा बैराज पार सुलगती चिंगारी – २, सर पर कफ़न बाँध आर पार की तैयारी


सर पर कफ़न, हाथ में तिरंगा लेकर आर - पार की लड़ाई की तैयारी 

प्रवीण शुक्ल 

उन्नाव के शंकरपुर , मनभौना, कन्ह्वापुर गाँव की लगभग १२०० एकड़ जमीन का यू.पी. एस. आई. डी. सी. द्वारा किया अधिगृहण विवादों के घेरे में आता जा रहा है , विशेष आर्थिक परिक्षेत्र के नाम पर २००२ में शुरू गयी इस अधिगृहण की कार्यवाही को २०१२ आते – आते हाई-टेक सिटी में परिवर्तित हो जाने से और मुआवजे के नाम पर किसानो को बहला फुसला कर अंगूठा लगवा पुराने दरों से पैसा देने पर असंतोष की सुलगती चिंगारी व्यापक रूप लेती दिख रही है ! किसानो के हितों को ताक पर रख सरकार पर प्रौपर्टी डीलर की तरह बर्ताव करने के आरोप लग रहे है ! किसान नेताओ की माने तो सर पर कफ़न, हाथ में तिरंगा ले किसान आर पार की लड़ाई लड़ने को संगठित हो रहे है !
किसान हितों के लिए संघर्षरत अजय अनमोल, प्रो.वी.एन.पाल के अनुसार गंगा बैराज बनने के बाद आस पास की जमीनों के दाम बढ़ने की सम्भावना देख यू.पी.एस.आई.डी.सी. ने २००२ में एक फर्जी परियोजना विशेष आर्थिक परिक्षेत्र ‘सेज’  बनाकर किसानो की जमीन अधिगृहण करने की योजना बना ली और लोक प्रयोजन के लिए आपात स्थितियों में तुरंत अधिगृहण करने के लिए प्रयोग की जाने वाली धारा -१७ का उपयोग कर किसानो से बिना मुआवजा दिए , बिना आपत्तियों  का वास्तविक निस्तारण किये , जमीन ले ली और राजस्व अभिलेखों में अपने नाम दर्ज करा ली ! आज़ाद भारत में बिना मूल्य चुकाए जबरन सरकार द्वारा किसानो के साथ की गयी ये ना-इंसाफी बिना ज्यादा चर्चा में आये ही रह गयी ! आपात परिस्थितियों में तुरंत प्रारंभ होने वाली वो परियोजना कभी धरातल पर असली जामा ना पहन पायी इधर किसान के पास ना तो जमीन रही ,ना उसका मुआवजा ! जरुरत के वक्त जमीन को बैंक में बंधक रख कर्ज ले शादी ब्याह , दवा खुराकी करने वाला किसान अब राजस्व अभिलेख में नाम ना होने से उससे भी मारा गया ! मजबूर किसान को आखिरकार सरकारी चंगुल में फंसा, उनकी बेबसी का लाभ उठा उनसे करार पत्र में अंगूठा , दस्तखत कराये गए ! २००२ में सेज के नाम पर अधिगृहीत भूमि का मुआवजा २०११ में सिर्फ १८२ रूपए वर्ग गज के भाव से देने की शुरुवात हुयी ! मुआवजा पाने के लिए स्थानीय राजस्व कर्मचारियों, अधिकारियों की जेबे गरम करने के भी आरोप लगे ! किसान नेता सवाल उठाते है कि हाई-टेक सिटी के नाम पर जमीन को १००००/= रुपये गज बेचने की जुटी सरकार इन किसानो को सिर्फ १८२/= रूपए ,, वो भी अधिगृहण के इतने वर्षों के बाद ???? आखिर सरकार चाहती क्या है स्पष्ट करे !
किसान नेताओ के अनुसार फिलहाल छोटे – छोटे कार्यक्रम और बैठकों का दौर शुरू हो गया है , किसान गंगा जल हाथ में लेकर जमीन के दोषपूर्ण अधिगृहण के खिलाफ संघर्ष करने की शपथ ले चुके है ! जन जागरण के लिए ३० सितम्बर को पद यात्रा निकालने का कार्यक्रम है फिर गांधी शास्त्री जयंती २ अक्टूबर को किसान हाथ में तिरंगा लेकर और सर पर कफ़न बाँध अपनी जमीनों को वापस लेने का प्रण दोहराएंगे !


शुक्रवार, 28 सितंबर 2012

गणपति के रंग में रंगा कानपुर


प्रवीण शुक्ल 

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक द्वारा १८८९ से महाराष्ट्र से शुरू हुआ गणेश महोत्सव का सिलसिला पूरे देश में राष्ट्रीय एकता के सन्देश के साथ फ़ैल चुका है ! कानपुर भी इस धारा से अलग नही रहा और १९२१ में सिद्दिविनायक गणेश मंदिर, सुतरखाना से गणपति उत्सव का प्रारंभ कानपुर की धरती से हो गया ! हर साल विस्तार लेते इस उत्सव ने महोत्सव का रूप ले लिया है उपलब्ध आंकडो के अनुसार इस वर्ष कानपुर में १२०० से ज्यादा स्थानों में गणपति स्थापित किये गए है ! इसके अलावा घरों में भी पूर्ण श्रद्धा और उत्साह के साथ गणपति रखे गए है ! पूरे शहर में गणपति का उमंग – रंग छाया हुआ है , आस्था और उल्लास से मन हिलोरे मार रहा है ! अनंत चतुर्दशी को विसर्जन तक सभी गणेश उत्सव पंडालो में अलग – अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है ! अगर ये कहा जाए कि गणपति उत्सव महाराष्ट्र के बाद पूरे भारत में कही सबसे वृहद स्वरुप में मनाया जाता है तो वो कानपुर में ही है तो गलत नहीं होगा !
फोटो - ज्ञान प्रकाश अवस्थी 
पूर्ण मराठी परिवेश में होने वाला महाराष्ट्र मंडल खलासी लाइन का आयोजन महाराष्ट्र की याद दिलाता है ! वर्षों पुराने आयोजनों में शिवाला चौक, लाठी मोहाल,  रामनारायण बाजार, नवाबगंज - आज़ाद नगर  व्यापार मंडल , महेश्वरी मोहाल में गणेश उत्सव के दौरान होने वाले कार्यक्रमों का लोग वर्ष पर्यंत इन्तजार करते है ! लाठी मोहाल राधे राधे बाल संघ के गणेश उत्सव से जुड़े अरुण तिवारी बताते है कि धार्मिक भावनाओ के साथ ही राष्ट्रीय भाव का प्रचार प्रसार करना ही उनके आयोजन की विशिष्टता है ! हरीश जैन कहते है गणपति उत्सव आयोजन का पूरे वर्ष उत्साह रहता है , पूर्ण श्रद्धा के साथ गणपति को लाकर , स्वागत में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से सामाजिक चेतना फैलाना उनका उद्देश्य है ! विभिन्न धार्मिक और सामाजिक आयोजनों से जुड़े ज्ञानेंद्र विश्नोई के अनुसार गणेश महोत्सव हमारी धार्मिक और सामाजिक चेतना दोनों को जगाने का अदभुत उत्सव है !

अनंत चतुर्दशी तक पूरा शहर गणपति के रंग में सराबोर रहेगा , प्रतिमा विसर्जन के बाद भी गणपति आने वाले वर्ष की प्रतीक्षा में शहर को रख जायेंगे ! 

शुक्रवार, 22 जून 2012

कानपुर नगर के रिवाईवल की योजनाओ को जल्द पूरा किया जाएगा – मुख्यमंत्री


    दर मे संशोधन कर निजी संस्था को नगर की विद्युत वितरण व्यवस्था सौपने पर विचार   

कानपुर नगर के प्रतिनिधि मण्डल की मुख्यमंत्री से भेंट

प्रवीण शुक्ल / लखनऊ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव से एनेक्सी स्थित सभाकक्ष में कानपुर नगर के एक प्रतिनिधि मण्डल ने भेंट कर उनसे कानपुर महानगर का गौरव पुनः बहाल कराने का अनुरोध किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कानपुर नगर के रिवाईवल के लिये जो विकास यो जनायें चल रहीं हैं, उन्हें जल्दी पूरा किया जायेगा तथा जिन योजनाओं में केन्द्र सरकार द्वारा धनराशि प्राप्त होनी है, उनके लिये तत्परता से प्रयास भी किये जायेंगे । उन्होंने मुख्य सचिव को कानपुर नगर की परियोजनाओं और वहां की आवश्यकताओं की समीक्षा कर अवगत कराने के भी निर्देश दिये हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि गंगा के बायीं तरफ नगर को उन्नाव के सरैंया गांव से जोड़ने के लिये निर्माणाधीन बैराज रोड  को नवम्बर तक पूरा करने का प्रयास किया जाये। उन्होंने ट्रांसपोर्ट नगर को शहर से बाहर स्थानांतरित करने, लेबर कालोनी के सम्बन्ध में शीघ्र निर्णय लेने के साथ-साथ भवनहीन थानो के भवन निर्माण पर भी विचार किये जाने की भी अपेक्षा की।
श्री यादव ने प्रतिनिधि मण्डल के अनुरोध पर कानपुर नगर की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को सुधारने के लिये दर में संशोधन कर निजी संस्था को विद्युत वितरण व्यवस्था सौंपने पर विचार करने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने जिला कारागार को नगर से बाहर स्थानांतरित करने तथा मंधना-भौती बाईपास को कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा शीघ्र बनवाने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने कानपुर विकास प्राधिकरण की सीमा अन्तर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष मे 10 गांवों में आवश्यक सुविधायें मुहैय्या की बात भी कही। उन्होंने यह भी कहा कि गंगा नदी के घाटों के विकास लिये काम किया जायेगा।
इससे पूर्व प्रतिनिधि मण्डल ने लगभग 06 हजार करोड़ रूपये की लागत की विभिन्न परियोजनाओं को शीघ्र पूरा कराने का अनुरोध किया, इनमें शहरी सुविधाओं को बढ़ाने, अवस्थापना सुविधाओ का विकास, सड़कों के निर्माण, विद्युत वितरण व्यवस्था में सुधार, मल्टीलेवल पार्किंग आदि परियोजनायें शामिल हैं। प्रतिनिधि मण्डल के सदस्यों ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा कानपुर नगर के विकास के लिये किये जा रहे प्रयासों का परिणाम अब मिलने लगा है, कानपुर नगर की यातायात व्यवस्था में सुधार हो रहा है, अतिक्रमण भी हटाये जा रहे हैं । प्रतिनिधि मण्डल ने उम्मीद जतायी कि राज्य को लगभग 05 हजार करोड़ रूपये का राजस्व देने वाले कानपुर नगर के विकास में वर्तमान सरकार पूरा प्रयास करेगी। इससे कानपुर पुनः औद्योगिक नक्शे पर अपना पुराना गौरव हासिल कर सकेगा।
बैठक में राज्यमंत्री प्रोटोकॉल श्री अभिषेक मिश्रा, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री नवीन चन्द्र बाजपेयी, विधायक श्री सतीश कुमार निगम, मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव नगर विकास श्री प्रवीर कुमार, सचिव मुख्यमंत्री श्रीमती अनीता सिंह, परिवहन आयुक्त श्री आलोक कुमार, मण्डलायुक्त कानपुर सुश्री शालिनी प्रसाद, जिलाधिकारी श्री एम्.पी. अग्रवाल ,नगर आयुक्त श्री एन.के.सिंह चौहान , सांसद श्री महेन्द्र मोहन सहित उद्यो ग तथा व्यापार से सम्बन्धित लोग उपस्थित थे ।

शनिवार, 28 अप्रैल 2012

मुख्यमंत्री के निर्देश पर पहली जुलार्इ से पेंशन, शादी-बीमारी अनुदान तथा खतौनी के आवेदन सहित कुल 26 योजनाओं के आवेदन इन्टरनेट से



मुख्य सचिव की अध्यक्षता में नेशनल र्इ-गवर्नेन्स प्लान के अन्तर्गत स्टेट 
पोर्टल, र्इ-फाम्र्स एवं स्टेट सर्विस डिलीवरी गेटवे योजनाओं की समीक्षा  

मुख्यमंत्री श्री अखिले श यादव के निर्दे श पर उत्तर प्रदे श मे  01 जुलार्इ, 2012 
से वृद्धावस्था पें शन, विधवा पेशन, बीमारी एवं विवाह के लिए अनुदान, उत्पीड़ न के 
खिलाफ शिकायत सम्बन्धी आवे दन, कुटुम्ब रजिस्टर की कापी के लिए आवेदन, 
दहेज उत्पीड़न सम्बन्धी कानू नी सहायता के लिए आवे दन, निराश्रित महिला की पु त्री 
के विवाह का आवे दन जैसे कुल 26 कार्य अब इन्टरने ट के माध्यम से सीधे किये 
जा सकेंगे। इसी क्रम मे  रोजगार कार्यालयों मे  पंजीयन भी इन्टरने ट के माध्यम से 
किया जा सकेगा। साथ ही रोजगार कार्यालयों में पंजीयन के नवीनीकरण के लिए 
इन्टरने ट से ही आवेदन भी किया जा सके गा। 
मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने आज सचिवालय एनेक्सी में  ने शनल 
र्इ-गवर्नेन्स प्लान के अन्तर्ग त कार्यानिवत की जा रही स्टे ट  पोर्टल, र्इ-फाम्र्स एवं 
स्टे ट सर्वि स डिलीवरी गे टवे (एस0एस0डी0जी0) योजनाओं की समीक्षा के दौ रान, 
एन0आर्इ0सी0 के प्रतिनिधियों तथा सूचना प्रौधो गिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग के 
अधिकारियो ं को निर्दे शित किया कि जनता के लिये लाभकारी इस योजना को 
त्वरित गति से पू र्ण किया जाए। उन्हो ंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानु सार 01 
जुलार्इर् , 2012 से समस्त जनपदों में जन सेवा केन्द्रो ं  के माध्यम से योजना के 
अन्तर्ग त चिनिहत सभी 26 सेवायें उपलब्ध करार्इ जाएं।  
योजना में जिन आठ विभागो ं की योजनाओं को समिमलित किया गया है, वे 
हैं :-
 खाध एवं रसद, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन (श्रम),  नगर विकास, विकलां ग 
कल्याण, समाज कल्याण, पंचायती राज, राजस्व तथा महिला  एवं बाल विकास। 
खाध एवं रसद विभाग के अन्तर्ग त नये राशन कार्ड, राशन कार्ड के नवीनीकरण, 
राशन कार्ड के सं शो धन एवं राशन कार्ड के समर्पण हेतु आवेदन किया जा सकेगा, 
जबकि प्रशिक्षण एवं सेवायोजन (श्रम) विभाग के अन्तर्ग त  रोज़गार कार्यालय में 
पंजीयन तथा नवीनीकरण की सु विधा प्रदान की जायेगी। इसी प्रकार नगर विकास 
विभाग नगरीय क्षेत्रों में जन्ममृत्यु प्रमाण पत्र हेतु आवे दन स्वीकार करेगा, जबकि 2
विकलांग कल्याण विभाग के अन्तर्ग त विकलांग व्यकित को ऋण, उनसे विवाह करने 
पर प्रोत्साहन पु रस्कार तथा उनके द्वारा प्रयोग किये जाने वाले संयंत्रों आदि के क्रय 
हे तु सहायता के लिए आवे दन किया जा सकेगा।  
इसी प्रकार समाज कल्याण विभाग वृद्धावस्था पे न्शन, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ 
योजना, सामान्य, अनु सूचित जातिजनजाति के छात्रो  को छात्रवृतित, बीमारी एवं 
विवाह हे तु अनु दान तथा उत्पीड़ न के खिलाफ शिकायत सम्बन्धी आवे दन की सुविधा 
प्रदान करेगा, जबकि पंचायती राज विभाग कुटुम्ब रजिस्टर की कापी तथा ग्रामीण 
क्षेत्र के जन्ममृत्यु प्रमाण पत्र की सुविधा उपलब्ध करायेगा। राजस्व विभाग द्वारा 
प्रदत्त की जाने वाली सेवाओं में निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण 
पत्र तथा खतौ नी समिमलित होंगी, जबकि महिला एवं बाल विकास विभाग महिलाओं 
को पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला (विधवा) पेन्शन योजना, दहेज योजना 
के अन्तर्ग त महिलाओ  को वित्तीय सहायता, दहेज उत्पीड़ न में महिलाओ  को कानू नी 
सहायता, पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला (विधवा) की पु त्री के विवाह हे तु 
अनु दान तथा दम्पतित पु रस्कार योजना के अन्तर्ग त 35 वर्ष से कम आयु की विधवा 
महिला के विवाह हे तु आवे दन स्वीकार करेगा। इस प्रकार यह आठ विभाग 
एस0एस0डी0जी0 यो जना के अन्तर्ग त कुल मिलाकर 26 सेवायें उपलब्ध करायेगे। 
 बैठक में सचिव आर्इ 0टी0 एवं इलेक्ट्रानिक्स श्री जीवे श नन्दन द्वारा योजना 
की पृष्ठभू मि से अवगत कराते हुये सेवाओं से सम्बनिधत विभागों के उपसिथत समस्त 
अधिकारियो ं को इस योजना के सफलतापू र्वक लागू किये जाने हे तु उनके अपे क्षित 
सहयोग के लिये आग्रह किया गया। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि यह 
योजना राज्य में आम जनमानस को उनके द्वार के समीप सुगमता से विभिन्न 
शासकीय सेवायें जन सेवा के न्द्रों के माध्यम से इलेक्ट्रानिक डिलीवरी से उपलब्ध 
कराने के लिये क्रियानिवत की जा रही है। योजना के लागू हो ने से शासकीय सेवायें 
त्वरित गति एवं पारदर्शि ता के साथ प्रदान की जा सकेंगी तथा नागरिको ं को 
सेवाओं को प्राप्त करने मे ं लगने वाले समय एवं व्यय में कमी आयेगी। बैठक मे ं 
प्रदेश के अवस्थापना एवं औधो गिक विकास आयुक्त श्री अनिल कुमार गुप्ता तथा 
ने शनल इन्फारमे टिक्स से न्टर के उप महानिदे शक श्री एस0बी0 सिंह सहित अन्य 
अधिकारी भी मौजू द थे। 

शनिवार, 21 अप्रैल 2012

उद्योग नगरी में पनपता अपराध उद्योग

( इंडिया एलाइव के अप्रैल अंक में प्रकाशित )

कभी एशिया का मेनचेस्टर कहे जाना वाला कानपुर अब अपने अपराध उद्योग के लिए सुर्खिया बटोर रहा है ! चैन स्नैचिंग , चोरी , वाहन चोरी जैसे अपराधों से वैसे ही कानपुर वासियों की नाक में दम था अब आये दिन होने वाली हत्या, डकैती, फिरौती और सुपारी किलिंग जैसी घटनाओ से त्राहि त्राहि मची हुयी है ! असंगठित अपराधों से जूझ रही कानपुर पुलिस अब इन अपराधों के संगठित होते स्वरुप और कानपुर में अपराध के उद्योग रूप में सामने आने से अपने को फिलहाल लाचार सा महसूस करती दिख रही है ! हैरान परेशान पुलिस अधिकारी अभी भी संसाधनों की कमी और मुखबिर तंत्र की विफलता का पुराना रोना रो रहे है !

ऐसा नहीं है कि कानपुर ने इससे पहले कभी अपराध की लपटों को महसूस नहीं किया ! आपसी रंजिशो से शुरू हो मोहल्ला स्तर के गिरोहों ने पहले भी प्रांतीय स्तर पर नाम फैलाया हुआ था ! अस्सी के दशक के शुरुवात में बहुचर्चित नई सड़क की वर्चस्व की लड़ाई हो या राम मोहन हाता – सवाई सिंह हाता के बीच का झगडा या शहर के सीसामऊ - पी.रोड इलाको में आये दिन होने वाली लड़ाइयाँ, इन सभी में खूब आतंक का माहौल रहा , हत्याएं भी हुयी ! स्थितियां यहाँ तक आ गयी कि नयी सड़क को खूनी सड़क के नाम से जाना जाने लगा !  नाक की इन लड़ाइयों में कुछ आपस में लड़कर खतम हो गए कुछ को पुलिस ने मार गिराया, इक्का दुक्का बचे जिन्होंने अपने बचाव के लिए राजनैतिक शरण में आकर खादी पहन लिया लेकिन आमतौर पर शहर में इनको आर्थिक हितों से ज्यादा अपने रसूख और रुतबे की जंग माना गया 

विशुद्ध आर्थिक कारणों से अपराध की शुरुवात हुयी अस्सी के दशक के अंत में जब कानपुर के व्यापारिक गढ़ नयागंज , कलक्टरगंज और बिरहाना रोड जैसे इलाको में वसूली के लिए जयनारायण तिवारी उर्फ जिन्दनाथ का आतंक सामने आया ! छः फिट के दुबले पतले जिन्दनाथ का नाम व्यापार जगत में दहशत का पर्याय हो गया !  अपने वसूली उद्योग को धार देने के लिए जिन्द्नाथ ने हत्याएं करने में कोई गुरेज नहीं किया ! आतंक इस चरम तक जा पहुंचा कि वसूली के लिए लिखी गयी पर्ची बेयरर चेक का काम करने लगी ! जिन्द्नाथ को तो तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डी.एन.सामल ने उसके विरोधी संजय एडी गिरोह को साथ लेकर समाप्त कर दिया लेकिन पूरे संगठित तंत्र के साथ अपराध के इस तरीके ने आने वाले समय में अपराधियों के लिए मापदंड तैयार कर दिए थे !

इन्ही मापदंडो को अपनाते हुए बाद में उभरे गिरोहों ने अपने जरायम पेशा को संगठित रूप देना प्रारंभ किया ! स्मैक का धंधा इसमें सबसे प्रमुख आर्थिक स्त्रोत बन सामने आया ! मुस्लिम इलाको गम्मू खां का हाता छोटे मियां का हाता हो या अनवरगंज खटिकाना, इस धंधे के केंद्र बन कर सामने आये ! नयी सदी के प्रारंभ तक यहाँ विशुद्ध व्यापारिक ढंग से इसने अपनी जड़े जमा ली ! अपने धंधे को जमाने और बचाने के लिए आये दिन परस्पर विरोधी गिरोहों में मारपीट और हत्याएँ भी होने लगी ! पुलिस पर भी इनसे मिलीभगत के आरोप लगते रहे !

सदी के पहले दशक में धंधे में वर्चस्व के लिए लड़ते रहे इन्ही अपराधियों के बीच में से कार्यक्षेत्र  के विस्तार के रूप में सुपारी किलिंग का बड़ा उद्योग पनपना शुरू हुआ ! बढती बेरोजगारी और अपराधी मुखियाओं के आर्थिक रसूख में होते इजाफे से आकर्षित हो नौजवानों ने सुपारी लेकर हत्याएं करनी शुरू कर दी ! पांच – दस हज़ार की रकम के लिए हत्याएं आम होती गयी ! हालात यहाँ तक बिगडे और हौंसले इस कदर बढे कि कानपुर से बाहर जाकर भी यहाँ के शूटरो ने हत्याकांडो को अंजाम दिया ! हाल में खुले भोपाल के हाई प्रोफाइल शेहला मसूद हत्याकांड में कानपुर के शूटरो के हाथ साबित होने से यह बात राष्ट्रीय स्तर पर उछली जबकि पुलिस सूत्रों के अनुसार मुंबई, सूरत और अन्य शहरों में पहले भी यही के अपराधी हत्या जैसे दुर्दांत कारनामो को सुपारी लेकर अंजाम देते रहे है ! वारदात को अंजाम देने के बाद ये अपराधी वापस शहर अपने आकाओ की शरण में पहुँच जाते है ! अपराध जगत के आंतरिक सूत्रों की माने तो अब पूरा अपराध तंत्र व्यवस्थित हो चुका है , गिरोहों की आपसी दुश्मनी भले ही बरकरार है लेकिन गिरोह के भीतर प्रत्येक सदस्य के काम का बंटवारा है , अब जुएं के अड्डे , सट्टा व्यवसाय भी पूरे संगठित तरीके से चल रहे है !

शहर की नब्ज को करीब से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद तिवारी पिछले समय में पुलिस की एफ.आई.आर. दर्ज करने में की जाती रही हीला-हवाली को इनके फलने फूलने की बड़ी वज़ह बताते हुए कहते है कि अपराध की संगठित दुनिया में पहला कदम रखने वाला छोटे अपराध चैन स्नेचिंग , राहजनी आदि से शुरू करता है जिसमे मुकदमा दर्ज करने में पुलिसिया रवैया अधिकतर टाला मटोली का रहता है जिससे शुरुवात में ही ये अपराधी चिन्हित नहीं हो पाते और उनका हौसला बढ़ता हुआ उनको बड़े अपराधों की ओर ले जाता है ! आर्यनगर बाजार में पुराने दुकानदार सुरेश सिंह चौहान के अनुसार अभी भी गनीमत यही है कि इन संगठित अपराधी गिरोहों का कार्यक्षेत्र उनका ही क्षेत्र विशेष है जिससे शहर के तमाम बड़े बाजारों में अपराधिक वसूली जैसे अपराध नगण्य ही है ! इससे सहमति जताते कानपुर व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष अरुण तिवारी शहर में बढ़ रहे अपराधों के लिए पुलिस पर ढीलापन और संरक्षण देने का आरोप लगाते है ! उनका कहना है कि जिस थाना क्षेत्र में जुएं खाने , सट्टा बाज़ी हो रही हो , वहाँ पुलिस को अगर जानकारी नहीं है तो इसका क्या अर्थ लगाया जाना चाहिए ! हाल में थाना चकेरी में हुयी एक मोटर साइकिल चोरी का उदाहरण देते हुए आवेशित हो अरुण कहते है कि उस बाइक चोरी के वीडियो फुटेज चोरी के आधे घंटे के भीतर पुलिस को दे दिए गए जिसमे चोरों का चेहरा साफ़ दिख रहा था और ये जानकारी भी मिली कि वो क्षेत्रीय पेशेवर वाहन चोर है उसके बावजूद जब पुलिस लाचारी जताए तो बड़ी घटनाओं में इनसे क्या उम्मीद रखी जा सकती है !

पुलिस की कार्यप्रणाली पर लग रहे सवालिया निशानों पर पुलिस का पक्ष जानने को इंडिया एलाइव के विशेष संवाददाता प्रवीण शुक्ल ने बात की अपर पुलिस अधीक्षक और  २००९ बैच के तेज तर्रार आई.पी.एस. अजय साहनी से ! श्री साहनी हाल के सभी पुलिस आपरेशन में शामिल रहे और अच्छे परिणाम देने के लिए चर्चित रहे है !


प्र – कानपुर में अपराध को किस तरह देखते है ?
उ – प्रदेश की आर्थिक राजधानी होने के कारण कानपुर हमेशा अपराधियों के लिए         आकर्षण का केन्द्र रहा ! बाकी जगहों की तरह यहाँ भी सभी तरह के अपराध होते है ! इतना जरूर है संगठित अपराध करने वाले गिरोह अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिशो में रहते है जिसको पुलिस की सक्रियता की वज़ह से नाकाम होना पड़ता है !
प्र – पुलिस पर ही तो इनसे मिलीभगत  का आरोप लगता रहता है ?
उ – इसमें सच्चाई नहीं है, इतना जरुर है कि जब किसी थाना क्षेत्र में लंबे समय से हो रहे अपराध की जानकारी थानाध्यक्ष होने से इनकार करे तो उसके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए और ऐसा हुआ भी है ! मेहरबान सिंह पुरवा के पास में चल जुए अड्डे वाले प्रकरण में थानाध्यक्ष और चौकी इंचार्ज दोनों को सस्पेंड किया गया !
प्र – चेन स्नेचिंग जैसी घटनाओं से महिलाओ का घर से निकलना दूभर है ! पुलिस क्या कर रही है ?
उ – गिरोहों को चिन्हित किया जा रहा है ! सफलता भी हाथ लगी है , प्रभावी कार्यवाही की जायेगी !
प्र – अब यहाँ के सुपारी किलर बाहर जा कर वारदात कर रहे है ! कैसे अंकुश लगायेगे ?
उ – पहले भी कानपुर के अपराधी पैसा लेकर बाहर के प्रदेशो में अपराध करने जाते रहे है ! पुलिस सजग है और कड़ी कार्यवाही करती रही है ! बात करे शेहला मसूद हत्याकांड की तो उसको खोलने में यू.पी. एस.टी.एफ. की भूमिका की तारीफ़ तो मध्य प्रदेश प्रशासन ने भी की !
प्र – संगठित अपराध रोकने के लिए क्या कदम उठाने जा रहे है ?
उ – संगठित अपराध की कमर तोड़ने को अपराधियों को जेल भेजा जाएगा और अदालत में उनके खिलाफ मज़बूत और त्वरित पैरवी की जायेगी ! ये सुनिश्चित किया जाएगा कि वो सजा पाए और जेल में ही रहे ! हाल में हुये सईद नाटा और धुन्नर हत्या कांड में यही देखा गया कि जेल से निकल कर आये बदमाशो ने ही इन वारदातों को अंजाम दिया ! हम सभी पुलिस जन कानपुर वासियों को सुरक्षा प्रदान करने हेतु संकल्पित है !

शुक्रवार, 20 अप्रैल 2012

एमएमएस बनाकर नाबालिग से डेढ़ साल तक रेप करने के आरोप में डिप्टी एस.पी. को जेल



प्रवीण शुक्ला 
कानपुर। एयरफोर्स अधिकारी 
की नाबालिग बेटी से रेप के 
मामले में पुलिस अधिकारी
अमरजीत शाही को गिरफ्तार 
कर लिया गया। कोर्ट ने शाही 
को 14 दिन की न्यायिक 
हिरासत में भेज दिया है। 
स्थानीय अदालत ने 16 
अप्रैल को शाही की गिरफ्तारी 
के लिएगैर जमानती वॉरंट 
जारी किया था। रेप का आरोप 
लगने से पहले अमरजीत शाही 
प्रतापगढ़ में सीओ के पद पर तैनात थे। 
हालांकि, कुछ दिनों पहले ही उन्हें निलंबित कर दिया 
गया था।
एयरफोर्स के कैप्टन एमसी विद्यार्थी ने सीओ शाही के खिलाफ 12 वीं में पढ़ने वाली अपनी 
17 साल की बेटी साक्षी के साथ रेप करके अश्लील फिल्म बनाने और ब्लैकमेल करने की 
शिकायत दर्ज कराई थी। बाद में साक्षी और उसके परिवार ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से 
न्याय दिलाने की गुहार लगाई थी। इसके बाद सीएम के निर्देश पर प्रतापगढ़ में तैनात सीओ 
शाही को निलंबित कर दिया गया था। निलंबन के बाद अमरजीत शाही की गिरफ्तारी को 
लेकर साक्षी और उसके परिवार ने मोर्चा खोल दिया था। पिछले सप्ताह शनिवार से परिवार 
के लोग क्रमिक अनशन पर बैठ गए, जिससे पुलिस के आला अफसरों में बेचैनी बढ़ गई थी।
शाही प्रकरण में पुलिस की भूमिका शुरू से ही संदिग्ध रही है। शाही डेढ़ साल से साक्षी का यौन 
शोषण करता रहा और आला अफसर सब जानते हुए भी खामोश रहे। इस मामले में साक्षी भी 
अपना बयान बदलती रहीं। पहले उसे अपने पिता पर ही दुष्कर्म का आरोप लगाया था। 17 
मार्च को जब मामला मीडिया के सामने आया तब भी पुलिस ने साक्षी से तहरीर लेकर उसके 
पिता के खिलाफ ही दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर लिया था। बाद में साक्षी ने अपना बयान 
बदल दिया था। साक्षी ने दूसरे बयान में कहा था कि शाही ने उसके साथ दुष्कर्म किया और 
एमएमएस बनाकर ब्लैकमेल करता रहा। बावजूद इसके पुलिस शाही को गिरफ्तार नहीं कर 
रही थी।

कैसे हुई थी शुरुआत

करीब सवा दो साल पहले 26 जनवरी के समारोह में साक्षी ने पुलिस लाइन में डमी प्लेन 
उड़ाया था। उसी वक्त कानपुर कैंट के अधेड़ सीओ अमरजीत शाही, साक्षी पर फिदा हो गए 
थे। उसने साक्षी के पिता कैप्टन एमसी विद्यार्थी से दोस्ती बढ़ाई और घर आना-जाना शुरू 
कर दिया। इसके बाद शाही कैप्टन और उनकी पत्‍‌नी की गैर मौजूदगी में उनके घर आने-जाने 
लगा। आरोप है कि नवंबर, 2010 में एक दिन जब साक्षी घर में अकेली थी तो शाही ने उससे 
चाय बनाने को कहा। फिर चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर उसके साथ रेप किया और 
एमएमएस बना लिया। आरोप के मुताबिक, इसके बाद शाही, साक्षी को ब्लैकमेल करने लगा। 
उसने साक्षी से एक कागज पर लिखवा लिया कि पिता ने उसके साथ दुराचार किया है। 
कानपुर से प्रतापगढ़ ट्रांसफर होने के बाद भी शाही, साक्षी के घर आता रहा या फिर कहीं और 
बुलाता रहा। 17 मार्च को साक्षी के जहर खाने से मामला मीडिया के सामने आया और शाही 
कानून के शिकंजे में फंसा।

( राष्ट्रभूमि से )

शनिवार, 18 फ़रवरी 2012

The girl born in the wild

This French girl, Tippi, was born in Nairobi, Africa in 1990. Grew up in the jungles with her parents who are wild life photographers. They documented her life with the animals. She went back to France @ age 10. Here are some pics, WOW. Isn't  it heaven on earth Or not!? I'm impressed. Author unknown.
 
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गुरुवार, 16 फ़रवरी 2012

वर्तमान बालाओं पर भारी -- मधुबाला का ग्लैमरस फोटो शूट


आजकल के समय में बॉलीवुड 

एक्ट्रेसेज का फोटोशूट करवाना 

कोई नई बात नहीं है। लेकिन 

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा 

कि 1940-60 के दशक में भी 

मशहूर एक्ट्रेस मधुबाला ने एक ग्लैमरस फोटोशूट करवाया था।

 

क्लासिक ब्यूटी के नाम से विख्यात एक्ट्रेस मधुबाला ने लाइफ मैगजीन के लिए फोटोशूट करवाया था। इस फोटोशूट में उन्होंने साड़ी पहनी थी। इन तस्वीरों में साड़ी पहनी मधुबाला बहुत ही सुंदर नजर आ रहीं हैं।


 


लाइफ मैगजीन के लिए ये फोटो फेमस फोटोग्राफर जेम्स बर्कले ने 1951 में खींची थी। 60 साल बीत जाने के बाद भी मधुबाला की ये तस्वीरें मन मोह लेतीं हैं।

 

मधुबाला ने महल(1949), मिस्टर एंड मिसेज 55(1955), हावड़ा ब्रिज(1958), चलती का नाम गाड़ी(1958), मुगल-ए-आजम(1960), हाफ टिकट जैसी फिल्मों में काम किया।

 

देखिए इस फोटोशूट की खास तस्वीरें....
















आभार - दैनिक भास्कर